विभिन्न बौद्ध संगीतियों के आयोजनस्थल, संरक्षक एवं परिणाम की सूची:-
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gk india and world बौद्ध दर्शन जीवन में किसी भी क्षेत्र में अति से बचने की हिदायत देता है, चाहे वह जीवन की सांसारिक सुख की लत हो, दर्दनाक तप हो या आत्म-वैराग्य हो| बौद्ध धर्म ने भारतीय संस्कृति के बौद्धिक, साहित्यिक, कला और वास्तु के क्षेत्र में एक नई शक्ति प्रदान की थी|
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यहाँ हम विभिन्न बौद्ध संगीतियों की सूची दे रहे हैं जो UPSC, SSC, State Services, NDA, CDS और Railways जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है|विभिन्न बौद्ध संगीतियों की सूची
क्र.सं. | स्थान और संरक्षक | परिणाम |
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प्रथम बौद्ध संगीति | 1. राजगृह के सप्तपूर्णि गुफा में 483 ई.पू. में 2. “अजातशत्रु” के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष भिक्षु “महाकस्सप उपलि” थे| |
इस संगीति के दौरान बुद्ध की शिक्षाओं को (सुत्तपिटक) और शिष्यों के लिए निर्धारित नियमों को (विनयपिटक) में संरक्षित किया गया था। बुद्ध के शिष्य "आनन्द" ने सुत्तपिटक का और "उपालि" ने विनयपिटक का संकलन किया था| |
द्वित्तीय बौद्ध संगीति | 1. वैशाली में 383 ई.पू. में 2. शिशुनाग वंश के शासक “कालाशोक” के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष सब्ब्कामि थे| |
विनयपिटक और अनुशासन के नियमों में विवाद के कारण इस संगीति के दौरान बौद्ध धर्म "स्थाविर" और "महासंघिक" नामक दो गुटों में बंट गया| |
तृतीय बौद्ध संगीति | 1. पाटलिपुत्र में 250 ई.पू. में 2. “अशोक” के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष “मोग्गलिपुत्त तिस्स” थे| |
इस संगीति के दौरान अभिधम्म पिटक का संकलन किया गया तथा संघभेद रोकने के लिये कुछ कठोर नियमों का निर्माण किया गया| इस प्रकार अब बौद्ध की शिक्षाओं को तीन ग्रंथों में संकलित किया गया जिन्हें “त्रिपिटक” भी कहा जाता है| |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 1. कुण्डलवन, कश्मीर में 72 ईस्वी में 2. कुषाण शासक “कनिष्क” के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष “वसुमित्र” और उपाध्यक्ष “अश्वघोष” थे| |
इस संगीति के दौरान “विभाषाशास्त्र” नामक टीका का संकलन किया गया तथा बौद्ध धर्म दो सम्प्रदायों “हीनयान” और “महायान” में विभाजित हो गया| |
पांचवां बौद्ध संगीति | 1. मांडले, बर्मा में 1871 ईस्वी में 2. “मिन्दन मिन” के संरक्षण में आयोजित इस संगीति के अध्यक्ष “जगरभिवामसा”, “नारिन्दभीधजा” और “सुमंगल्समी” थे| |
इस संगीति के दौरान बुद्ध की सभी शिक्षाओं की व्याख्या एवं व्यवस्थित जांच की गई ताकि यह पता लगाया जा सके की इनमें से किसी नियम को बदला या हटाया गया है| |
छठी बौद्ध संगीति | 1. काबा अये में 1954 ईस्वी में 2. बर्मा सरकार के संरक्षण में प्रधानमंत्री “यू नू” के नेतृत्व में आयोजित इस संगीति की अध्यक्षता “महसि सयादव” और “भंदंता विसित्तसाराभिवाम्सा” ने की थी| |
इस संगीति का आयोजन मूल “धम्म” और “विनय” पिटक को संरक्षित करने के उद्देश्य से किया गया था| इस संगीति के दौरान “महापाषाण गुहा” का निर्माण किया गया था जो भारत के सप्तपूर्णि गुफा के समान है जहाँ प्रथम बौद्ध संगीति का आयोजन किया गया था| इस संगीति में 8 देशों के 500 बौद्ध विद्वानों ने भाग लिया था| |
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