भारत में रोजगार और विकास के विभिन्न कार्यक्रमों की सूची
हर सरकार अपने नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की शुरूआत करती है| ये कार्यक्रम शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, रोजगार और सभी नागरिकों के सामाजिक उत्थान से संबंधित हो सकते हैं| कुछ कार्यक्रम जैसे प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) और डिजिटल भारत कार्यक्रम आदि समाज के कमजोर वर्गों की मदद करने के लिए शुरू किये गए हैं|सरकार द्वारा चलाये जा रहे कुछ महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की सूची नीचे दी गई हैं: -
क्र.सं. |
कार्यक्रम |
शुरूआत |
उद्येश्य/विवरण |
---|---|---|---|
1. |
हरित क्रांति |
1966-67 |
खाद्यान्न के उत्पादन, विशेष रूप से गेहूं के उत्पादन को बढ़ाने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
2. |
ग्रामीण युवाओं के सशक्तिकरण के लिए प्रशिक्षण (TRYSEM) |
1979 |
ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षण द्वारा रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
3. |
जवाहर रोजगार योजना |
1989 |
ग्रामीण बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
4. |
महिला समृद्धि योजना |
2 अक्टूबर 1993 |
ग्रामीण महिलाओं को डाकघर बचत खातों में पैसा जमा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
5. |
मध्याह्न भोजन योजना (MDM) |
15 अगस्त 1995 |
प्राथमिक स्कूलों में नामांकन, उपस्थिति और बच्चों के पोषण स्तर में
वृद्धि द्वारा प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमीकरण को बढ़ावा देने के लिए यह
योजना शुरू की गई थी| |
6. |
कस्तूरबा गाँधी शिक्षा योजना |
15 अगस्त 1997 |
कम महिला साक्षरता दर वाले जिलों में महिला विद्यालय स्थापित करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
7. |
स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना |
1997 |
स्वरोजगार या मजदूरी रोजगार के माध्यम से शहरी बेरोजगारी और अर्द्ध
बेरोजगार गरीबों को लाभकारी रोजगार प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की
गई थी| |
8. |
अन्नपूर्णा योजना |
1999 |
वे वरिष्ठ नागरिक जिन्हें पेंशन नहीं मिल रही है उन्हें 10 किलोग्राम
खाद्यान प्रतिमाह प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
9. |
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना |
1 अप्रैल 1999 |
ग्रामीण गरीबी और बेरोजगारी दूर करने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
10. |
जनश्री बीमा योजना |
अगस्त 2010 |
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को सुरक्षा बीमा प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
11. |
प्रधानमंत्री ग्रामोदय योजना |
25 दिसंबर 2000 |
ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
12. |
अन्त्योदय अन्न योजना |
दिसंबर 2000 |
गरीबों को खाद्य सुरक्षा मुहैया करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
13. |
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना |
दिसंबर 2000 |
पूरे देश में कच्ची सड़कों को पक्की सड़कों के साथ जोड़ने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
14. |
सर्व शिक्षा अभियान |
2001 |
पूरे देश में 6-14 वर्ष की आयु समूह के सभी बच्चों को उपयोगी और
प्रासंगिक प्राथमिक शिक्षा प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
15. |
सम्पूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना |
सितम्बर 2001 |
रोजगार और खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना |
16. |
वाल्मीकि अम्बेडकर आवास योजना |
दिसंबर 2001 |
शहरी क्षेत्रों में झुग्गी झोपड़ियों के निर्माण के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
17. |
जननी सुरक्षा योजना |
अप्रैल 2005 |
गर्भवती महिलाओं की देखभाल के लिए यह योजना शुरू की गई थी| |
18. |
भारत निर्माण योजना |
दिसंबर 2005 |
ग्रामीण बुनियादी ढांचे में शामिल छह प्रमुख घटक सिंचाई, जल आपूर्ति, आवास, सड़क, टेलीफोन और बिजली का विकास| |
19. |
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना |
फरवरी 2006 |
इसमें गावों में रहने वाले गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले
लोगों को वर्ष में 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी प्रदान की गयी है | |
20. |
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन |
29 मई 2007 |
गेहूं,चावल और दालों की उत्पादकता में वृद्धि द्वारा देश की खाद्य
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एवं स्थायी आधार पर उत्पादन को बढ़ावा देने
के लिए यह योजना शुरू की गई है| |
21. |
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन |
जून 2011 |
स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना का पुनर्गठन |
22. |
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन |
23 सितम्बर 2013 |
स्वर्ण जयंती शहरी स्वरोजगार योजना का पुनर्गठन |
23. |
सांसद आदर्श ग्राम योजना |
11 अक्टूबर 2014 |
आदर्श गांव विकसित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है| |
24. |
प्रधानमंत्री जन-धन योजना |
28 अगस्त 2014 |
देश के गरीबों को देश के बैंकिंग क्षेत्र से जोड़ने के लिए इस योजना की शुरुआत की गयी है | |
25. |
दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते योजना |
16 अक्टूबर 2014 |
श्रमिकों के लिए रोजगार, कौशल विकास और अन्य सुविधाओं में सुधार करने के लिए यह योजना शुरू की गई है| |
26. |
सुकन्या समृद्धि योजना |
22 जनवरी 2015 |
इस अकाउंट में एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 1 हजार और अधिक से अधिक
डेढ़ लाख रुपया या इसके बीच की कितनी भी रकम जमा कर सकते हैं। यह पैसा
अकाउंट खुलने के 14 साल तक ही जमा करवाना पड़ेगा। मगर, खाता बेटी के 21
साल की होने पर ही मैच्योर होगा। बेटी के 18 साल के होने पर आधा पैसा
निकलवा सकते हैं। |
27. |
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना |
9 मई, 2015 |
330 रुपये वार्षिक प्रीमियम वाली 2 लाख रुपये की जीवन बीमा योजना| | यह योजना वित्त मंत्रालय द्वारा चलायी जा रही है। |
28. |
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना |
9 मई, 2015 |
12 रुपये वार्षिक प्रीमियम वाली दुर्घटना बीमा योजना| यह योजना वित्त मंत्रालय द्वारा चलायी जा रही है। |
29. |
अटल पेंशन योजना |
9 मई, 2015 |
पेंशन क्षेत्र से संबंधित सामाजिक सुरक्षा योजना |
30. |
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम |
1 जुलाई, 2015 |
सरकारी सेवाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से नागरिकों को उपलब्ध करवाने के
लिए और लोगों को नवीनतम सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का लाभ सुनिश्चित
करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है| |
31. |
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना |
15 जुलाई, 2015 |
14 लाख युवाओं को कौशल प्रशिक्षण (कौशल विकास मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित) प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की गई है| |
32. |
प्रधानमंत्री आवास योजना |
25 जून, 2015 |
शहरों में रहने वाले लोगों को बेहतर जीवन यापन प्रदान करने के लिए एवं
शहरों में बुनियादी ढांचे एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह
योजना शुरू की गई है| |
33. |
शहरों के कायाकल्प एवं बदलाव के लिए अटल योजना (AMRUT) |
25 जून, 2015 |
शहरों में रहने वाले लोगों को बेहतर जीवन यापन प्रदान करने के लिए एवं
शहरों में बुनियादी ढांचे एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह
योजना शुरू की गई है| |
34. |
स्मार्ट शहर योजना |
25 जून 2015 |
शहरों में रहने वाले लोगों को बेहतर जीवन यापन प्रदान करने के लिए एवं
शहरों में बुनियादी ढांचे एवं आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यह
योजना शुरू की गई है| |
35. |
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना |
1 मई, 2016 |
गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए यह योजना शुरू की गई है| |
500 रूपये और 1000 रूपये के नोट प्रतिबंधित: क्या ऐसा भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है?
500 और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध के संबंध में प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा ने हम सबकों को चौंका दिया है। सरकार के इस कदम से आम जनता, आर्थिक पंडितों और यहाँ तक कि राजनीतिक हलकों सहित सभी को आश्चर्य में डाल दिया है| लेकिन यह पहली बार नहीं है कि भारत सरकार ने काले धन की समस्या से निपटने के लिए इस तरह का साहसिक कदम उठाया है। यहाँ हम अतीत में भारत सरकार द्वारा उच्च मूल्य वाले नोटों पर प्रतिबंध लगाने की घटना का विवरण दे रहे हैं:500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध - ऐतिहासिक सिंहावलोकन

भारत में पहली बार नोटों का विमुद्रीकरण स्वतंत्रता से पहले किया गया था| 1936 में ब्रिटिश राज के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक ने पहली बार उच्च मूल्य वाले 1000 रूपये और 10,000 रूपये के नोटों को छापा था| आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि 10,000 रूपये का नोट भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रित किया गया अब तक का सबसे उच्चतम मूल्य वर्ग का नोट है। भारत की आजादी से पहले ही जनवरी 1946 में देश में काले धन के प्रचलन को समाप्त करने के उद्देश्य से इन नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था|
कुछ समय पश्चात् तत्कालीन आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने पुनः 1,000 रूपये, 5,000 रूपये और 10,000 रूपये के नोट को जारी करने के संबंध में विचार किया और जनवरी 1954 में 1,000 रूपये, 5,000 रूपये और 10,000 रूपये के नोट को पुनः जारी किया गया| लेकिन कुछ वर्षों के पश्चात् काले धन की उगाही के कारण समानांतर अर्थव्यवस्था का निर्माण होने जनवरी 1978 में 1,000 रूपये, 5,000 रूपये और 10,000 रूपये के नोट पर प्रतिबंध लगा दिया गया|
यह प्रतिबंध नए कानून उच्च मूल्य बैंक नोट (विमुद्रण) अधिनियम 1978 के तहत लगाया गया था जो 16 जनवरी 1978 को अस्तित्व में आया था| इस नये कानून के तहत 1,000 रूपये, 5,000 रूपये और 10,000 रूपये के नोट को 16 जनवरी 1978 के बाद वैध मुद्रा के रूप में मान्यता समाप्त कर दी गई और इसके हस्तांतरण और वितरण पर पाबंदी लगा दी गई थी| नागरिकों को बैंकों से उच्च मूल्य वर्ग के इन नोटों के विनिमय के लिए 24 जनवरी 1978 तक का समय दिया गया था। हालांकि 1978 में नोटों के विमुद्रीकरण का आम जनता पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा क्योंकि उस समय बहुत कम लोगों के पास उच्च मूल्य वाले नोट थे|
क्यों मौजूदा 500 रूपये और 1000 रूपये को जारी किया गया था?
जैसा कि पहले बताया जा चूका है कि किसी भी अर्थव्यवस्था में काले धन का विस्तार होने का प्रमुख कारण उच्च मूल्य के नोटों का प्रचलन है। अतः यह सवाल उठना वाजिब है कि बार-बार 500 रूपये और 1000 रूपये को क्यों जारी किया जाता है? आइये इसका उत्तर हम यहाँ दे रहे है:वर्तमान में 500 रूपये का जो नोट चलन में है उसे अक्टूबर 1987 में जारी किया गया था, जबकि वर्तमान 1000 रूपये के नोट को नवंबर 2000 में जारी किया गया था| इन दोनों उदाह्रानो को सरकार ने अर्थव्यवस्था में पैसों की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए एक साधन के रूप में उठाये गए कदम के रूप में परिभाषित किया था| 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों की शुरूआत मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने और वस्तुओं की कीमतों को कम करने के उद्देश्य से किया गया था। इसके अलावा हाल में शुरू किये गये नोटों के बारे में यह दावा किया गया था कि ये नोट कुछ अतिरिक्त / नई सुरक्षा सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जिससे देश में नकली नोटों का ट्रैक करने में सुविधा होगी|
हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि 500 रूपये और 1000 रूपये के नोटों के विमुद्रीकरण से निश्चित रूप से कुछ समय के लिए सभी नागरिकों को परेशानी होगी, लेकिन यह निश्चित रूप से सही दिशा में उठाया गया एक कदम है| भ्रष्टाचार मुक्त भारत की प्रतिबद्धता के साथ हम सबों को बदलाव के इस दौर में सहयोग करना चाहिए और निश्चित रूप से इसके परिणाम हम सबके लिए फायदेमंद होंगे|
भारत की करेंसी नोटों का इतिहास और उसका विकास |
"रुपए" शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द रुपिया से हुई है जिसका अर्थ है सही आकार एवं मुहर लगा हुआ मुद्रित सिक्का। इसकी उत्पत्ति संस्कृत शब्द "रुपया" से भी हुई है जिसका अर्थ चांदी होता है। रुपये के संदर्भ में संघर्ष, खोज और संपत्ति का बहुत लंबा इतिहास रहा है, जो प्राचीन भारत के 6ठी सदी ईसा पूर्व से चला आ रहा है। 19वीं सदी में ब्रिटिशों ने इस उपमहाद्वीप में कागज के पैसों की शुरुआत की। पेपर करेंसी कानून 1861 ने सरकार को ब्रिटिश भारत के विशाल क्षेत्र में नोट जारी करने का एकाधिकार दिया था।नीचे भारतीय करेंसी नोटों के वक्त के साथ विकास करने और उसके वर्तमान स्वरूप के बारे में रोचक तथ्य दिए जा रहे हैं।
वर्ष 1862 में महारानी विक्टोरिया के सम्मान में, विक्टोरिया के चित्र वाले बैंक नोटों और सिक्कों की श्रृंखला जारी की गई थी।
अंततः 1935 ई. में भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना हुई और उसे भारत सरकार के नोटों को जारी करने का अधिकार दिया गया। रिजर्व बैंक ने 10,000 रुपयों का भी नोट छापा और स्वतंत्रता के बाद इसे बंद कर दिया। आरबीआई द्वारा जारी की गई पहली करेंसी नोट 5 रुपये की नोट थी जिस पर किंग जॉर्ज VI की तस्वीर थी। यह नोट 1938 में छापा गया था।

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वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद और 1950 के दशक में जब भारत गणराज्य बन गया, भारत के आधुनिक रुपये ने अपना डिजाइन फिर से प्राप्त किया। कागज के नोट के लिए सारनाथ के चतुर्मुख सिंह वाले अशोक के शीर्षस्तंभ को चुना गया था। इसने बैंक के नोटों पर छापे जा रहे जॉर्ज VI का स्थान लिया। इसप्रकार स्वतंत्र भारत में मुद्रित पहला बैंक नोट 1 रुपये का नोट था।

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वर्ष 1969 में भारतीय रिजर्व बैंक ने 5 और 10 रुपयों के नोट पर महात्मा गांधी जन्मशती स्मारक डिजाइन वाली श्रृंखला जारी की थी।

और दिलचस्प बात यह है कि चलती नाव का चित्र 10 रुपए के नोट पर 40 से भी अधिक वर्षों तक चलता रहा।

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वर्ष 1959 में भारत के हज यात्रियों के लिए दस और एक सौ रुपये के विशेष नोट जारी किए गए ताकि वे सउदी अरब के स्थानीय मुद्रा से उसका विनिमय कर सकें।

यहां तक कि 1917-1918 में हैदराबाद के निजाम को खुद की करेंसी मुद्रित और जारी करने का विशेषाधिकार दिया गया था।

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प्रथम विश्व युद्ध में, धातु की कमी के कारण मोरवी और ध्रांगधारा रियासतों ने कम मूल्य वाले करेंसी नोट जारी किए। इन्हें हरवाला कहा जाता था।


दूसरे विश्व युद्ध के दौरान धातु की कमी की ही वजह से, 36 रियासतों खासकर गुजरात, राजस्थान, सिंध, बलूचिस्तान और मध्य प्रांतों ने, सिक्कों के स्थान पर कागज के टोकन जारी किए।

Source: www.coinindia.com
अंततः 1996 में महात्मा गांधी श्रृंखला वाले कागज के नोट शुरु किए गए।
हम हमेशा हमारे नोटों पर महात्मा गांधी की मुस्कुराती हुई तस्वीर देखते हैं जो करेंसी नोटों पर भी होती है। कुछ लोगों का कहना है कि महात्मा गांधी की यह तस्वीर उनके एक कार्टून का है लेकिन यह सत्य नहीं है। वास्तव में यह तस्वीर 1946 में एक अज्ञात फोटोग्राफर ने ली थी और वहीं से इसे क्रॉप किया गया और हर जगह इस्तेमाल किया जाने लगा। तस्वीर नीचे दी गई हैः

Source: www.thebetterindia.com
महात्मा गांधी लॉर्ड फ्रेड्रिक विलियम पेथिक – लॉरेंस के साथ खड़े थे। वह एक महान राजनेता थे और ग्रेट ब्रिटेन में महिला मताधिकार आंदोलन का भी नेता थे। यह तस्वीर भूतपूर्व वायसराय हाउस जो वर्तमान में राष्ट्रपति भवन है, में ली गई थी। इस तस्वीर का इस्तेमाल आरबीआई द्वारा 1996 में महात्मा गांधी सीरीज के बैंक नोटों पर किया गया।

Source: www.thebetterindia.com

Source: www.thebetterindia.com
नवंबर 2001 में, 5 रुपये के नोट, जिसमें सामने महात्मा गांधी जी की तस्वीर होती थी और पीछे की तरफ मशीनीकृत खेती प्रक्रिया यानि कृषि के माध्यम से प्रगति, दिखाई देती थी, को जारी किया गया था ।
GST बिल क्या है, और यह आम आदमी की जिंदगी को कैसे प्रभावित करेगा?

जून 1996 में, दस रुपये का नोट जारी किया गया। इसमें सामने की तरफ गांधी जी की तस्वीर और पीछे की तरफ भारत के जीवों की तस्वीर थी जो यहाँ की जैवविविधता का प्रतिनिधत्व करता है।

इससे पहले 1981 में 10 रु. के नोट पर सामने की तरफ सिंहचतुर्मुख का प्रतीक और पीछे की तरफ हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर पर बनी कलाकृति होती थी।

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